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आज ही के दिन भारत में पहली बार परमाणु परीक्षण, जानिए आज के दिन का इतिहास और महत्व
National Technology Day 2022 Theme : हर साल आज ही के दिन नेशनल टेक्नोलॉजी डे (national technology day) 11 मई को विज्ञानिक को के उपलब्धियों को मनाने के लिए माना जाता है। मेहनती वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इंजीनियरों, शिक्षकों और विज्ञान एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शामिल अन्य सभी बुद्धिजीवियों कि सभी कार्यों को सम्मान करता है। हर साल इस दिन पर थीम बदलती है इस साल 2022 की theme “सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी में इंटीग्रेटेड अप्रोच” (integrated approach in Science and Technology for a sustainable future) है।
National Technology Day 2022
पहली बार नेशनल टेक्नोलॉजी डे (national technology day) 11 मई 1999 को मनाया गया था, जिसका प्रमुख फोकस वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों का स्मरण करना और उनका सम्मान करना है। इस साल वार्षिक अवसर वैज्ञानिक समुदाय द्वारा बुधवार को व्यापक रूप से मनाया जाएगा। आइए जानते हैं national technology day के कुछ विशेष रोमांचक तथ्य….
National Technology Day 2022 Theme
इस साल 2022 की theme “सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी में इंटीग्रेटेड अप्रोच” (integrated approach in Science and Technology for a sustainable future) है।
National Technology Day 2022 History and Significance (इतिहास और महत्व जानिए)
भारत ने साल 1998 को पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट (pokhran nuclear tests) का हर साल वर्षगांठ को चिन्हित करने के लिए 11 मई के दिन नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाता है। पोखरण परमाणु परीक्षण (pokhran nuclear tests) भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में देश में किए गए पांच विस्फोटक की एक सीरीज थी।
उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने 11 मई को देश के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि के दिन के रूप में घोषित किया था और 1999 में पहली बार national technology day मनाया गया था. तब से लेकर आज तक नेशनल डेवलपमेंट बोर्ड वैज्ञानिकों को सम्मान दिया जा रहा है।
पास हो जाता है लेकिन इस दिन एक और ऐसी उपलब्धि भारत में हासिल की थी जिसकी वजह से 11 मई को ही इसके सेलिब्रेशन के लिए चुना गया. और वो है डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) का त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण। त्रिशूल short-range की मारक क्षमता वाला एक ऐसी मिसाइल है, जो अपने लक्ष्य पर तेजी से हमला करती है, इसके अलावा इस दिन भारत के पहली बार एयरक्राफ्ट Hansa-3 ने भी उड़ान भरी थी। दो सीटर वाले इस हल्के विमान पायलट को ट्रेनिंग देने, हवाई फोटोग्राफी करने और पर्यावरण संबंधित प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल करने के मकसद से बनाया गया था।
ऐसे कई उपलब्धियां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैज्ञानिकों एवं वैज्ञानिकों से जुड़े अन्य बुद्धिजीवी ने हासिल किए हैं उनके लिए यह दिन विशेष रूप से मनाया जाता है।
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